मुर्तिब
Synonyms:
हस्बतलबिदा- पूछताछ के लिए बुलाना, मुकीम- रुकना, थाना-हाजा- थाने पर उपस्थिति, जुर्म दफा- अपराध धारा, जुदा खाना-अलग से, मसरूका -मुकदमे का गया माल, वाज याफ्ता-मुकदमे में बरामद किया माल, फर्द- स्पेशल दस्तावेज, जामा तलाशी- व्यक्ति की तलाशी, खाना तलाशी-स्थान की तलाशी, जुराइम- अपराध, हस्बजैल-उपरोक्तानुसार, हस्ब कायदा - नियमानुसार, मुर्तिब - तैयार करना, फिकरा - पैराग्राफ, मौतबिरान - गवाह, अदम सबूत- साक्ष्य के अभाव में, अदम वकवा या अदम वकू- जांच के दौरान प्रमाणित हाेना कि घटना घटित नहीं हुई।
भास्कर संवाददाता | भरतपुर
फर्द,तहरीर, मजमून, शहादत, फिकरा और मौजा सहित करीब तीन दर्जन से अधिक ऐसे शब्द पुलिस की फाइलों और दैनिक कामकाज में इस्तेमाल किए जाते हैं। उर्दू और फारसी के ये शब्द दशकों से पुलिस की फाइलों में चल रहे हैं, जिनका अर्थ हर कोई नहीं समझ पाता। किसी मामले की एफआईआर हो या मुकदमे की प्रगति रिपोर्ट पुलिस इन्हीं शब्दों का प्रयोग करती है।
अक्सर थाने के कामकाज में तहरीर शब्द का इस्तेमाल होता है। इसका मतलब आवेदन या सूचना पत्र होता है। इसके अलावा जांच को पुलिस की आम भाषा में तफतीश लिखा जाता है। साथ ही किसी स्थान से लापता व्यक्ति या अन्य सजीव को लाए जाने को दस्तयाब कहा जाता है। इसके अलावा निर्जीव के लिए बरामद शब्द काम में लिया जाता है। पूछताछ के लिए दरियाफ्त शब्द लिखा जाता है। गांव के लिए मौजा शब्द तो गांव के मुखिया के लिए मौजिज शब्द का उपयोग किया जाता है। विवरण के लिए मजमून शब्द का उपयोग किया जाता है। साक्ष्य के लिए अदालत में पेश होने को शहादत कहा जाता है। जबकि किसी मामले में दूसरी बार होने वाले बयान को तितंबा लिखा जाता है।
इनशब्दों में है अंतर
आरोपीका मतलब किसी मामले में दूसरे पक्ष की आेर से जिस पर आरोप लगाए जाते हैं। जबकि इसकी दूसरी कड़ी में आरोप पुलिस जांच में साबित होने पर उक्त व्यक्ति को मुल्जिम लिखा जाता है। इसके बाद आरोप न्यायालय में सिद्ध हो जाने के बाद उक्त व्यक्ति को मुजरिम लिखा जाता है। काफी पहले से पुलिस फाइलों में चल रहे इन शब्दों का नए अधिकारी भी सीखकर दैनिक उपयोग में लेने लगते हैं। इसी कारण ऐसे शब्द लगातार उपयोग में रहे हैं। हालांकि पिछले सालों के मुकाबले इनका उपयोग कम हुआ है।